I hereby present my emotions in words. Trying to convey my views.
ज़िन्दगी मे कई सैलाब मैंने देखे है।
रूह को जो जलादे वो आफताब मैंने देखे है।
दिल को जो देहलादे वो मंज़र भी कई आए।
क्या क्या नहीं देखा है मेरी इन सर्द आंखो ने?
बस तेरी नाराज़गी नहीं देखी जाती।