Monday, November 21, 2016

संविधान की बुहार!

संविधान केह रहा है सिसक सिसक के, "मुझे अपनों ने बेगाना कर दिया!
मेरी आंबेडकर और गांधी बापू से जल्द ही मुलाकात होने वाली है। 
मिलने पर पूछुंगा उनसे, कितने निर्दयी हो तुम? मुझे कैसे जाहिलों के बिच छोड़ आये थे... तुम्हे तनिक भी दया नहीं आयी?"

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